मानवीय सरोकारों की टकराहट से उत्पन्न कविताएँ

Main Article Content

दिनेश अहिरवार

Abstract

समकालीन हिंदी कविता संसार में रीतादास राम की कावà¥à¤¯-यातà¥à¤°à¤¾ का सफ़र गंभीर रूप से नबà¥à¤¬à¥‡ के दशक से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚भ होता है| अब तक इनके दो कविता संगà¥à¤°à¤¹ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥‡ हैं| पहला ‘तृषà¥à¤£à¤¾â€™ 2012 में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤† तथा हिंदी कविता जगत में काफी चरà¥à¤šà¤¿à¤¤ भी रहा है| ‘गीली मिटà¥à¤Ÿà¥€ के रूपाकार’ 2016 में ‘हिनà¥à¤¦ यà¥à¤—à¥à¤®â€™ से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ दूसरा कविता-संगà¥à¤°à¤¹ है| इसमें 2012 से 2016 के दौरान लिखी गई कविताओं को संगà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¤ किया गया है| ‘गीली मिटà¥à¤Ÿà¥€ के रूपाकार’ को वरà¥à¤· 2016 में ‘हेमंत सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ कविता समà¥à¤®à¤¾à¤¨â€™ (हेमंत सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ फाउंडेशन, भोपाल, म.पà¥à¤°.) से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया है| रीतादास राम के इस कविता-संगà¥à¤°à¤¹ की कविताओं से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ अपने वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय से बावसà¥à¤¤à¤¾ होना है| इनकी कविताà¤à¤ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ मनà¥à¤·à¥à¤¯ के दैनिक जीवन की तमाम उलà¤à¤¨à¥‹à¤‚, संघरà¥à¤·à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ विभिनà¥à¤¨ समसामयिक मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ की टकराहट से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤ˆ हैं जिसके दृशà¥à¤¯ इन कविताओं में बखूबी दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—ोचर हà¥à¤ हैं| 

Article Details

Section
Articles