संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कर्तव्य

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शशिकान्त तिवारी

Abstract

संविधान पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• भारतीय नागरिक के लिये à¤à¤• पवितà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œ है। निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ तौर पर यह कहा जा सकता है कि संविधान की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• भारतीय नागरिक देश की महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ इकाई है तथा हमारा संविधान पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• नागरिक के अधिकतम कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। किसी देश का संविधान उसकी सभà¥à¤¯à¤¤à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ शासन वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का दरà¥à¤ªà¤£ होता है। उसकी पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से ही संविधान के दरà¥à¤¶à¤¨ व आदरà¥à¤¶ का संकेत मिल जाता है। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ में संविधान का लकà¥à¤·à¥à¤¯ निहित रहता है। हमारे भारतीय संविधान की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से भी संविधान निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं के वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ का परिचय मिलता है कि वे संविधान के माधà¥à¤¯à¤® से किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• समृदà¥à¤§ à¤à¤µà¤‚ समरà¥à¤¥ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की परिकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ करते हैं। इन रि बेरूबारी यूनियन à¤à¤£à¥à¤¡ à¤à¤•à¥à¤¸à¤šà¥‡à¤‚ज आफ à¤à¤¨à¥à¤•à¥à¤²à¥‡à¤µà¥à¤œ के मामले में भी उचà¥à¤šà¤¤à¤® नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ यह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया गया कि-संविधान की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ संविधान निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं के विचारों को जानने की कà¥à¤‚जी है।

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